वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रों पर अंधेरा न हो और परीक्षक पूरे मनोयोग से कॉपियों का मूल्यांकन करें, इसके लिए केंद्राध्यक्षों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रों पर जनरेटर की मरम्मत कराने के साथ ही कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था कराने को कहा गया है।
परीक्षकों की अनुपस्थिति की वजह से यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन में देरी हो सकती है। लाख प्रयास के बाद अब तक 60 से 70 प्रतिशत परीक्षकों की उपस्थिति हो पा रही है। ऐसे में समय से मूल्यांकन चुनौती है। यूपी बोर्ड परीक्षा की तरह हाईस्कूल, इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन की निगरानी भी कंट्रोल रूम से की जा रही है। जिला स्तर पर राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज में कंट्रोल रूम बनाया गया है। वहीं, प्रयागराज में माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय से टीम जिलेवार निगरानी कर रही है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 18 मार्च से शुरू मूल्यांकन एक अप्रैल तक चलेगा। करीब छह लाख काॅपियों की जांच के लिए 2600 परीक्षकों को लगाया गया है। तीन दिन के मूल्यांकन में 50 हजार से अधिक कॉपियां जांची जा चुकी हैं। हालांकि, जितने परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, उसमें 70 प्रतिशत ही आ रहे हैं।
सोमवार को क्वींस कॉलेज, भारतीय शिक्षा मंदिर इंटर कॉलेज, महाबोधि इंटर कॉलेज सारनाथ के साथ ही प्रभु नारायण इंटर कॉलेज रामनगर में परीक्षक कॉपियों की जांच कर रहे हैं।
नहीं छाएगा अंधेरा, केंद्राध्यक्ष पर विशेष जिम्मेदारी
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रों पर अंधेरा न हो और परीक्षक पूरे मनोयोग से कॉपियों का मूल्यांकन करें, इसके लिए केंद्राध्यक्षों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। केंद्रों पर जनरेटर की मरम्मत कराने के साथ ही कमरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था कराने को कहा गया है।
मूल्यांकन का बहिष्कार कर दे रहे हैं धरना
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनारायण गुट की ओर से पुरानी पेंशन बहाली सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर मूल्यांकन का बहिष्कार और धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज परिसर में गेट पर धरने पर बैठे अशोक श्रीवास्तव, विवेक सिंह आदि ने बताया कि जब तक मांगें नहीं पूरी होती धरने से नहीं उठेंगे। केवल आश्वासन ही मिलता है।